दिल्ली में भारत और वेस्टइंडीज के बीच खेले गए दूसरे और अंतिम टेस्ट मैच में टीम इंडिया ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 121 रनों के लक्ष्य का सफलतापूर्वक पीछा किया और सीरीज को 2-0 से अपने नाम कर लिया. युवा कप्तान शुभमन गिल की अगुवाई में यह टीम इंडिया की पहली सीरीज जीत है. भारतीय टीम ने मेहमान टीम को फॉलो-ऑन दिया, जिसने संघर्ष करने की कोशिश की लेकिन अंततः सफल नहीं हो पाई. भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया और अपनी पहली पारी 5 विकेट पर 518 रन बनाकर घोषित की. युवा सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल और कप्तान शुभमन गिल ने इस दौरान शतकीय पारियां खेलीं, जिससे टीम को विशाल स्कोर खड़ा करने में मदद मिली.
फॉलो-ऑन के बाद वेस्टइंडीज का संघर्ष
भारतीय गेंदबाजों ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए वेस्टइंडीज की पहली पारी को सिर्फ 248 रनों पर समेट दिया. पहली पारी में बड़ी बढ़त हासिल करने के बाद, शुभमन गिल ने वेस्टइंडीज को फॉलो-ऑन देकर दोबारा बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया. दूसरी पारी में वेस्टइंडीज ने थोड़ी बेहतर तैयारी दिखाई. सलामी बल्लेबाज जॉन कैंपबेल और अनुभवी बल्लेबाज शे होप ने शानदार शतक लगाए, जिससे टीम को वापसी की उम्मीद जगी. हालांकि, निचले क्रम के बल्लेबाजों से पर्याप्त समर्थन न मिलने के कारण वेस्टइंडीज की पूरी टीम 390 रन पर ऑलआउट हो गई. इस तरह, टीम इंडिया को मैच जीतने के लिए मात्र 121 रनों का लक्ष्य मिला.
राहुल की जिम्मेदारी भरी पारी से मिली जीत
121 रनों के छोटे लक्ष्य का पीछा करते हुए टीम इंडिया को एक झटका लगा जब यशस्वी जायसवाल जल्दी आउट हो गए. हालांकि, इसके बाद अनुभवी बल्लेबाज केएल राहुल और युवा साई सुदर्शन के बीच एक मजबूत साझेदारी देखने को मिली, जिसने जीत की नींव रखी. साई सुदर्शन के आउट होने के बाद, कप्तान गिल ने भी कुछ आकर्षक शॉट लगाए. जीत में सबसे महत्वपूर्ण पारी केएल राहुल की रही. जहां जायसवाल और गिल जैसे बल्लेबाज तेजी से रन बनाने के प्रयास में आउट हुए, वहीं राहुल ने जिम्मेदारी से बल्लेबाजी की और अपना विकेट बचाए रखा.
उन्होंने 108 गेंदों का सामना करते हुए 58 रनों की शानदार अर्धशतकीय पारी खेली, जिसमें 6 चौके और 2 छक्के शामिल थे. राहुल ने ही विजयी शॉट लगाकर पारी के 36वें ओवर में टीम इंडिया को जीत दिलाई और वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट मैचों में भारत की जीत के सिलसिले को बरकरार रखा. यह सीरीज जीत शुभमन गिल के कप्तानी करियर की एक सकारात्मक शुरुआत है और यह युवा टीम की गहराई और क्षमता को दर्शाती है. वेस्टइंडीज का प्रदर्शन निराशाजनक रहा और उन्हें अपने बल्लेबाजी क्रम में स्थिरता लाने की आवश्यकता है.