भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने 52 साल का सूखा खत्म करते हुए, आईसीसी महिला वनडे वर्ल्ड कप का खिताब पहली बार जीतकर इतिहास रच दिया है। फाइनल में साउथ अफ्रीका को 52 रनों से करारी शिकस्त देने के बाद, जीत की खुशी में डूबी भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर का अंदाज़ सबसे खास रहा। 36 वर्षीय हरमनप्रीत, जो यह वर्ल्ड कप जीतने वाली सबसे उम्रदराज कप्तान बनीं, जीत के फौरन बाद गहरे भावनात्मक पलों से गुजरीं, फिर उन्होंने जश्न में भांगड़ा किया, और अंत में उनके संस्कारों ने सबका दिल जीत लिया। हरमनप्रीत कौर, जिन्होंने साल 2009 में डेब्यू करने के बाद से टीम इंडिया को विश्व चैंपियन बनाने का सपना देखा था, आखिरकार अपने करियर के इस पड़ाव पर सफलता हासिल करने के बाद खुद को रोक नहीं पाईं।
Just see the SANSKAR
Harmanpreet tried to TOUCH feet of Jay Shah but he REFUSED & in fact, BOWED to her as she’s Nari Shakti of Bharat 🇮🇳
Then he gave the trophy & LEFT the stage ASAP after the mandatory photos
Recall a leader who was pushed off the stage by the RUDE Aussies… pic.twitter.com/wjLpT6nS9R
— PallaviCT (@pallavict) November 2, 2025
हेड कोच और जय शाह के छुए पैर: सम्मान का अनूठा प्रदर्शन
ट्रॉफी जीतने के बाद हरमनप्रीत कौर का भावनात्मक क्षण कैमरे में कैद हुआ। जीत की खुशी और वर्षों के संघर्ष का दबाव उनकी आँखों में साफ झलक रहा था। 
हेड कोच का सम्मान: सबसे पहले, चैंपियन कप्तान ने ड्रेसिंग रूम की ओर बढ़ते हुए टीम के हेड कोच अमोल मजूमदार के पैर छुए, जो उनके प्रति सम्मान और कृतज्ञता का प्रतीक था।
आईसीससी चेयरमैन तक भांगड़ा: इसके बाद, जब वह प्रेजेंटेशन सेरेमनी में ट्रॉफी लेने के लिए मंच की ओर बढ़ीं, तो वह अपने पंजाबी अंदाज़ में भांगड़ा करती हुई गईं, जिससे उनका और टीम का उत्साह दोगुना हो गया।
जय शाह के आगे झुका सिर: मंच पर पहुँचने के बाद, हरमनप्रीत कौर ने एक ऐसा काम किया जिसने सबका ध्यान खींचा। उन्होंने ट्रॉफी उठाने से पहले, बीसीसीआई सचिव और आईसीसी चेयरमैन जय शाह के पैर छुए।
हालांकि, जय शाह भारतीय कप्तान के इस भाव से बहुत ज्यादा असहज नजर आए। उन्होंने तुरंत हरमनप्रीत को ऐसा करने से मना किया और सम्मान में अपना सिर झुका दिया। हरमनप्रीत कौर का यह कार्य भारतीय क्रिकेट में संस्कार और सम्मान की परंपरा को प्रदर्शित करता है, जहां सफलता के शिखर पर पहुंचने के बाद भी वरिष्ठों और मार्गदर्शकों का आदर सबसे ऊपर रखा जाता है।
जीत की आदत और टीम बनाने का श्रेय
ट्रॉफी उठाने के बाद जब हरमनप्रीत कौर अपनी टीम की ओर लौटीं, तो उन्होंने एक बार फिर उत्साह में जमकर डांस किया। यह जीत उनके लिए व्यक्तिगत रूप से बेहद खास है। कोच अमोल मजूमदार के साथ मिलकर पिछले दो सालों में कप्तान कौर ने भारतीय महिला टीम को एक दुर्जेय शक्ति के रूप में ढाला है। इस साझेदारी के लिए उन्हें बहुत अधिक श्रेय मिलना चाहिए।
WPL में सफलता: महिला प्रीमियर लीग (WPL) में मुंबई इंडियंस को लगातार दो बार बतौर कप्तान चैंपियन बनाकर हरमनप्रीत कौर ने यह साबित कर दिया था कि उन्हें बड़े टूर्नामेंटों में ट्रॉफी जीतना आता है।
दबाव में प्रदर्शन: फाइनल में उनका नेतृत्व, खासकर जब साउथ अफ्रीका की लौरा वोल्वार्ट हावी हो रही थीं, तब शेफाली वर्मा को गेंद सौंपने का 'मास्टरस्ट्रोक' उनकी मैच पढ़ने की असाधारण क्षमता को दर्शाता है।
हरमनप्रीत कौर का सफर, जो 2009 में शुरू हुआ था, इस वर्ल्ड कप जीत के साथ अब एक शानदार मुकाम पर पहुंच गया है। उनकी भावनाएं, उनका नृत्य और उनका सम्मानपूर्ण व्यवहार, सब कुछ इस बात का प्रमाण है कि यह जीत सिर्फ एक मैच नहीं, बल्कि वर्षों की कड़ी मेहनत, त्याग और अटूट विश्वास का परिणाम है।