दिल्ली के हिट एंड रन केस में पीड़ित परिवार को 36 लाख मुआवजे का आदेश, क्या हुआ था 2 साल पहले न्यू ईयर की सुबह?

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Posted On:Thursday, October 30, 2025

राष्ट्रीय राजधानी को स्तब्ध कर देने वाले कंझावला हिट एंड रन मामले में एक महत्वपूर्ण न्यायिक फैसला आया है। रोहिणी की अदालत ने बीमा कंपनी बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस लिमिटेड को मृतक लड़की अंजलि के परिजनों को 36 लाख रुपये से अधिक का मुआवजा देने का आदेश दिया है। यह आदेश अंजलि की मां और भाई-बहनों द्वारा दायर याचिका पर आया, जिसमें उन्होंने वकील मानक चंद के माध्यम से मुआवजे की मांग की थी।

बीमा कंपनी को 30 दिन में भुगतान का निर्देश

जिला जज विक्रम ने बीमा कंपनी को कड़ा निर्देश दिया है कि वह 30 दिन के भीतर मुआवजे की पूरी राशि ₹36,69,700 अदा करे। इसके अतिरिक्त, अदालत ने ब्याज का भी आदेश दिया है। बीमा कंपनी को 3 अप्रैल 2023 को दुर्घटना रिपोर्ट (DAR) दाखिल करने की तारीख से लेकर निपटान तक 7.5% प्रति वर्ष की दर से और उसके बाद 12% प्रति वर्ष की दर से ब्याज का भुगतान करना होगा। यह फैसला पीड़ित परिवार के लिए एक बड़ी राहत लेकर आया है, जो एक भीषण त्रासदी से जूझ रहा है।

मुआवजे की राशि आरोपियों से होगी वसूल

हालांकि मुआवजे का भुगतान शुरू में बीमा कंपनी करेगी, लेकिन अदालत ने अपने फैसले में यह स्पष्ट कर दिया है कि इस पूरी रकम की वसूली मुख्य आरोपी अमित खन्ना और लोकेश प्रसाद शर्मा से की जाएगी। अदालत ने इसके पीछे दो प्रमुख कारण बताए हैं:

अवैध ड्राइविंग लाइसेंस: हादसे के समय कार चला रहे आरोपी अमित खन्ना के पास अवैध ड्राइविंग लाइसेंस था। पुलिस जांच में यह स्थापित हुआ कि हादसा अमित की घोर लापरवाही के कारण हुआ था।

वाहन मालिक की जिम्मेदारी: दुर्घटना में शामिल वाहन लोकेश प्रसाद शर्मा का था। शर्मा ने कोर्ट में दाखिल जवाब में भी माना था कि कार उनकी है और इसका बीमा बजाज कंपनी में है, लेकिन ड्राइवर के पास वैध लाइसेंस नहीं था। इस आधार पर, अदालत ने माना कि हादसे के लिए वाहन मालिक लोकेश प्रसाद शर्मा भी पूरी तरह से जिम्मेदार हैं। इस आदेश का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि अपराधियों को उनकी लापरवाही और गैर-जिम्मेदार कार्रवाई का खामियाजा भुगतना पड़े।

31 दिसंबर की रात की भयावह घटना

यह मामला 31 दिसंबर 2022 की रात और 1 जनवरी 2023 की अलसुबह का है। 20 वर्षीय अंजलि अपनी दोस्त निधि के साथ स्कूटी से घर लौट रही थी, जब कार सवार पांच युवकों ने उनकी स्कूटी को टक्कर मार दी। टक्कर के बाद अंजलि कार के नीचे फंस गई, और कार सवार युवकों ने उसे लगभग 12 किलोमीटर तक घसीटा, जिसके परिणामस्वरूप मौके पर ही उसकी मौत हो गई। अंजलि की दोस्त निधि, जो टक्कर के बाद दाईं ओर गिरकर बच गई थी, घबराकर मौके से भाग गई थी। पुलिस को कंझावला रोड पर स्कूटी के टूटे हुए हिस्से और अंजलि से संबंधित सामान मिला था, जिसके बाद मुख्य कंझावला कुतुबगढ़ रोड पर उसका शव बरामद हुआ। इस मामले में थाना सुल्तानपुरी में आईपीसी की धारा 279 (लापरवाही से वाहन चलाना) और 304ए (लापरवाही से मौत) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

जांच और आरोपियों की गिरफ्तारी

डीसीपी हरेन्द्र सिंह के नेतृत्व में पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जल्द ही कार जब्त कर ली और पांचों आरोपी—मनोज मित्तल, दीपक खन्ना, अमित खन्ना, कृष्ण और मिथुन—को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान, आरोपियों ने स्वीकार किया कि वे जानते थे कि टक्कर के बाद लड़की कार में फंसी हुई है, लेकिन पकड़े जाने के डर से वे भाग गए। पुलिस चार्जशीट में अमित खन्ना, कृष्ण, मिथुन, दीपक और मनोज को हत्यारोपी बताया गया है। अमित खन्ना पर मोटर वाहन अधिनियम के तहत भी केस दर्ज हुआ है। इसके अलावा, दो अन्य आरोपी आशुतोष भारद्वाज और अंकुश पर अपराधियों को शरण देने का केस दर्ज हुआ। वर्तमान में, पांच मुख्य आरोपी जेल में हैं, जबकि आशुतोष भारद्वाज और अंकुश जमानत पर बाहर हैं। इस नवीनतम न्यायिक आदेश से, पीड़ित परिवार को कुछ आर्थिक संबल मिला है, जबकि कानूनी प्रक्रिया न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में आगे बढ़ रही है।


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