मुंबई, 11 सितम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिया की अब जॉइंट सेक्रेटरी और उससे ऊपर के अफसरों पर भ्रष्टाचार का केस चल सकेगा और बाकायदा जांच हो सकेगी। इसके लिए उच्चाधिकारियों की अनुमति की जरूरत भी नहीं होगी। कोर्ट के मुताबिक, यह ऑर्डर 11 सितंबर 2003 से मान्य होगा। जस्टिस संजय किशन कौल की पांच जजों की बेंच ने एकमत होकर ये फैसला सुनाया।
तो वहीं, शीर्ष कोर्ट ने अपने 2014 के फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि तब दिल्ली स्पेशल पुलिस स्टेबलिशमेंट (DSPE) एक्ट 1946 के प्रावधान को रद्द कर दिया था। यह प्रावधान कुछ अफसरों को भ्रष्टाचार के खिलाफ जांच से सुरक्षा (इम्यूनिटी) प्रदान करता है। अब आदेश पूर्व प्रभाव से लागू होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 2014 का जजमेंट 11 सितंबर 2003 से ही मान्य होगा। 11 सितंबर 2003 से ही DSPE Act में धारा 6(A) जोड़ी गई थी। इस धारा के मुताबिक, किसी जांच के लिए केंद्र सरकार के अप्रूवल की जरूरत होगी।