मुंबई, 23 जुलाई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने कहा है कि अगर भारत ने समय पर आर्थिक मदद नहीं की होती, तो उनके देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह बर्बाद हो जाती। न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में उन्होंने बताया कि मालदीव की आर्थिक हालत इतनी खराब हो गई थी कि अगर भारत ने अनाज, ईंधन और क्रेडिट लाइन के माध्यम से मदद नहीं दी होती, तो देश डिफॉल्ट कर जाता। 2022-23 के दौरान पर्यटन उद्योग में आई गिरावट के चलते मालदीव गंभीर आर्थिक संकट में फंस गया था, विदेशी कर्ज बढ़ गया था और डॉलर की भारी किल्लत हो गई थी। ऐसे समय में भारत ने बिना देर किए सहायता भेजी, जिससे मालदीव को स्थिरता मिल सकी। नशीद का यह बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मालदीव यात्रा से ठीक पहले आया है। पीएम मोदी 25 और 26 जुलाई को मालदीव के दौरे पर होंगे, जहां वे स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में हिस्सा लेंगे। नशीद ने इस यात्रा को भारत और मालदीव के संबंधों में मजबूती का प्रतीक बताया है और कहा है कि इससे विकास के नए रास्ते खुलेंगे।
नशीद ने यह भी स्पष्ट किया कि मालदीव की विदेश नीति हमेशा से 'इंडिया फर्स्ट' रही है और अब वह पूरी तरह से इसी नीति पर केंद्रित हो चुकी है। उन्होंने स्वीकार किया कि चुनावों के दौरान चीन की ओर झुकाव देखा जाता है, लेकिन अब मालदीव की राजनीति भारत को प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने भारत की आर्थिक तरक्की की सराहना करते हुए कहा कि भारत अपने पड़ोसी देशों को साथ लेकर चलता है और उसकी ‘नेबरहुड फर्स्ट’ नीति से मालदीव को व्यापक आर्थिक अवसर मिले हैं। खासकर भारतीय पर्यटकों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है। पूर्व राष्ट्रपति नशीद ने भारत और मालदीव के बीच एक स्थायी व्यापार समझौते की वकालत की, ताकि मालदीव भारत को अधिक मात्रा में मछली निर्यात कर सके। उन्होंने कहा कि इससे न केवल व्यापारिक लाभ होगा, बल्कि लॉजिस्टिक्स, समुद्री परिवहन और टिकाऊ समुद्री विकास जैसे क्षेत्रों में सहयोग को भी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा से दोनों देशों के संबंध और प्रगाढ़ होंगे और भारत से आने वाले पर्यटकों की संख्या में भी तेजी से इजाफा होगा। नशीद ने जानकारी दी कि भारत की मदद से बन रहा हनीमाडू एयरपोर्ट अब लगभग तैयार है और यह दक्षिण भारत के कई शहरों से सिर्फ एक घंटे की दूरी पर स्थित होगा।