जलते जहाज से समुद्र में कूदे 200 से ज्यादा लोग, इंडोनेशिया में रेस्क्यू ऑपरेशन की इनसाइड स्टोरी

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Posted On:Monday, July 21, 2025

इंडोनेशिया के उत्तरी सुलावेसी तट के पास एक यात्री जहाज में आग लगने की घटना ने वहां के समुद्री यातायात और सुरक्षा के मुद्दों को फिर से उभार कर रख दिया है। 280 से अधिक यात्रियों से भरे केएम बार्सिलोना जहाज में अचानक लगी आग के कारण यात्रियों को अपनी जान बचाने के लिए समुद्र में कूदना पड़ा। यह हादसा इंडोनेशिया के तलौद द्वीप से मनाडो जाने के रास्ते में हुआ, जहां आग लगने के बाद जहाज पर घना धुआं और भयंकर लपटें फैल गईं, जिससे जहाज पूरी तरह आग की चपेट में आ गया।

जहाज में लगी आग का कारण अज्ञात

अब तक आग लगने की असल वजह का पता नहीं चल पाया है। जहाज पर सवार सभी यात्रियों की जान बचाने के लिए इंडोनेशिया की नौसेना, बाकामला (कोस्ट गार्ड) और एसएआर (सर्च एंड रेस्क्यू) टीमों ने तुरंत बचाव अभियान शुरू किया। इस अभियान के दौरान 260 से ज्यादा यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया गया है, लेकिन इस हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई है और कम से कम 18 अन्य घायल हुए हैं। बताया जा रहा है कि जिन तीन लोगों की मौत हुई है, वे आग से नहीं बल्कि निकासी के दौरान बीमारी के कारण जान गंवा बैठे।


यात्रियों की हिम्मत और बचाव अभियान की मेहनत

घायल लोगों में कई बच्चे भी शामिल हैं, जिन्हें तुरंत नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। इस आपदा के दौरान यात्रियों के एक वीडियो ने सोशल मीडिया पर तेजी से ध्यान खींचा, जिसमें साफ देखा जा सकता है कि यात्रियों ने चमकीले नारंगी रंग की लाइफ जैकेट पहन रखी थी और वे बड़े डर के बावजूद समुद्र में छलांग लगाते हुए बचाव की कोशिश कर रहे थे। इस वीडियो में जहाज के डेक पर भीड़ और कर्मचारियों को यात्रियों को जीवन रक्षक जैकेट बांधते हुए भी दिखाया गया है।

इंडोनेशिया की बचाव टीमें हर संभव प्रयास कर रही हैं कि जहाज पर मौजूद हर व्यक्ति को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके। पड़ोसी नावों ने भी आग बुझाने और फंसे लोगों को निकालने में अहम भूमिका निभाई है।


भयावह स्थिति और यात्रियों की प्रतिक्रिया

आग लगने के बाद की स्थिति बेहद डरावनी और तनावपूर्ण थी। यात्रियों ने बताया कि जहाज में अचानक आग लग गई और पूरा जहाज धुएं से घिर गया। उन्हें लगा कि जहाज डूबने वाला है, इसलिए उन्होंने खुद को बचाने के लिए समुद्र में कूदना ही बेहतर समझा। ऐसे समय में यात्रियों के साथ मौजूद बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदारी और भी बढ़ गई थी, जिसने इस हादसे को और भी संवेदनशील बना दिया।

बचाए गए कुछ यात्रियों ने मीडिया से बातचीत में इस घटना का जिक्र करते हुए कहा कि जहाज के कर्मचारी और क्रू मेंबर उन्हें लाइफ जैकेट पहनाने और सुरक्षित बाहर निकलने में मदद कर रहे थे। इसके बावजूद जहाज में अफरातफरी का माहौल था, क्योंकि आग तेजी से फैल रही थी।


इंडोनेशिया में जहाजों की सुरक्षा पर सवाल

इंडोनेशिया समुद्री यातायात के लिहाज से एक महत्वपूर्ण देश है, जहां हर दिन सैकड़ों यात्री जहाज और कार्गो जहाज समुद्र के रास्ते आवाजाही करते हैं। हालांकि, यहां कई बार जहाजों की खराब सुरक्षा और मेंटेनेंस की वजह से हादसे होते रहे हैं। यह नया हादसा इंडोनेशिया की नौवहन सुरक्षा की स्थिति पर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है।

इस क्षेत्र में मौसम की स्थिति, जहाजों की तकनीकी कमजोरी और मानवीय त्रुटियों के कारण हादसों का खतरा बना रहता है। प्रशासन को चाहिए कि वह जहाजों की नियमित जांच और यात्रियों की सुरक्षा के लिए कड़े नियम लागू करे ताकि भविष्य में ऐसे हादसों को रोका जा सके।


आगे की कार्रवाई और राहत कार्य

अगले कुछ दिनों में बचाव अभियान जारी रहेगा और जिन लोगों को घायलावस्था में बचाया गया है, उनकी बेहतर देखभाल के लिए अस्पतालों में अतिरिक्त संसाधन लगाए जाएंगे। इंडोनेशिया की सरकार ने इस घटना को लेकर उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं ताकि आग लगने के कारणों का पता लगाया जा सके और भविष्य में ऐसी त्रासदी न हो।

सुरक्षा एजेंसियां और समुद्री अधिकारियों ने यात्रियों को सतर्क रहने और जहाज यात्रा के दौरान सुरक्षा उपायों का कड़ाई से पालन करने की सलाह दी है। साथ ही, जल प्रबंधन विभाग भी जहाजों की लाइसेंसिंग और सुरक्षा मानकों पर कड़ी निगरानी कर रहा है।


निष्कर्ष

इंडोनेशिया में केएम बार्सिलोना जहाज की आग लगने की घटना ने समुद्री सुरक्षा की अनदेखी और कमजोरियों को फिर उजागर कर दिया है। इस हादसे में 280 से अधिक लोगों की जान खतरे में पड़ी थी और बड़े प्रयासों के बावजूद तीन लोगों की मौत हो गई। यह घटना यात्रियों और उनके परिवारों के लिए बड़ी त्रासदी साबित हुई है।

सरकार और संबंधित विभागों को चाहिए कि वे इस घटना से सबक लेकर समुद्री यातायात की सुरक्षा को सुनिश्चित करें, ताकि भविष्य में ऐसे हादसों को रोका जा सके और यात्रियों को सुरक्षित सफर मुहैया कराया जा सके। साथ ही, जनता को भी चाहिए कि वे समुद्री यात्रा के दौरान सुरक्षा नियमों का पूरी तरह पालन करें और किसी भी आपात स्थिति में सही समय पर सही कदम उठाएं।

यह घटना समुद्र की शक्तिशाली प्रकृति और मानव प्रयासों के बीच संतुलन बनाए रखने की चुनौती को भी दर्शाती है, जिसमें तकनीकी सुधार, प्रशिक्षित कर्मी और सतर्क यात्रियों की भूमिका अहम होती है।


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