मुंबई, 6 दिसंबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन) भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने एक आदेश जारी कर पैकेज्ड ड्रिंकिंग मिनरल वाटर को ‘उच्च जोखिम वाली श्रेणी’ में रखने का फैसला किया है। इस नए आदेश के तहत, सभी पैकेज्ड ड्रिंकिंग और मिनरल वाटर अनिवार्य निरीक्षण और तीसरे पक्ष के ऑडिट के अधीन होंगे। इस कदम के साथ, खाद्य निकाय का लक्ष्य उपभोक्ताओं के लिए उत्पादों के मानकों में सुधार करना है। FSSAI ने कहा, "कुछ उत्पादों के लिए अनिवार्य भारतीय ब्यूरो प्रमाणन की चूक के परिणामस्वरूप, यह निर्णय लिया गया है कि 'पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर और मिनरल वाटर' को 'उच्च जोखिम वाले खाद्य श्रेणियों' के अंतर्गत माना जाएगा। यह दोहराया जाता है कि उच्च जोखिम वाले खाद्य श्रेणियों के अंतर्गत सभी केंद्रीय लाइसेंस प्राप्त निर्माताओं को अपने व्यवसाय का वार्षिक रूप से FSSAI द्वारा मान्यता प्राप्त तृतीय-पक्ष खाद्य सुरक्षा ऑडिटिंग एजेंसी द्वारा ऑडिट करवाना होगा।"
'उच्च जोखिम वाली श्रेणी' का क्या अर्थ है?
उच्च जोखिम वाली श्रेणी में वे खाद्य पदार्थ शामिल हैं जो बैक्टीरिया के विकास को बढ़ावा देते हैं। इन रेडी-टू-ईट उत्पादों को सावधानी से संभालना चाहिए और कच्चे खाद्य पदार्थों से अलग रखना चाहिए। विशेषज्ञों का उल्लेख है कि खराब हैंडलिंग और स्वच्छता से खाद्य विषाक्तता या यहां तक कि मृत्यु जैसे गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
उच्च जोखिम वाले खाद्य पदार्थ वे हैं जो आम तौर पर खाद्य विषाक्तता के मामलों में शामिल होते हैं। पानी के अलावा, मांस, चिकन और यहां तक कि सब्जियां भी इस श्रेणी में आती हैं।
उच्च जोखिम वाले खाद्य पदार्थों को कैसे संभालें?
1. उन्हें रेफ्रिजरेट करें और कमरे के तापमान पर न छोड़ें क्योंकि यह बैक्टीरिया के विकास को बढ़ावा दे सकता है।
2. क्रॉस-संदूषण से बचने के लिए कच्चे भोजन को तैयार भोजन से अलग रखें।
3. पहले से पिघले हुए भोजन को दोबारा न जमाएँ।
4. भोजन को तब तक गर्म करें जब तक कि वह भाप बनकर गर्म न हो जाए।
5. भोजन के संपर्क में आने वाली सतहों जैसे चॉपिंग बोर्ड और किचन काउंटर को बार-बार साफ करें।
6. भोजन को हमेशा ढककर रखें।