मुंबई, 23 फरवरी, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। उत्तराखंड में फॉरेस्ट कंजर्वेशन फंड का इस्तेमाल आई फोन और लैपटॉप खरीदने में किया गया। CAG रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया है। फॉरेस्ट एंड हेल्थ डिपार्टमेंट और वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड की 2021-22 की रिपोर्ट में बताया गया कि फंड का इस्तेमाल बिना योजना और इजाजत के किया गया था। यह रिपोर्ट उत्तराखंड विधानसभा के बजट सेशन के दौरान 21 फरवरी को सदन में रखी गई। उत्तराखंड के वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा है कि उन्होंने अपने विभाग से संबंधित मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।
तो वही, रिपोर्ट में कहा गया कि 2017 से 2022 तक जो वृक्षारोपण किया गया, उसमें से सिर्फ 33% वृक्ष ही जीवित रह पाए। यह फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टिट्यूट की गाइडलाइंस के मानकों से बहुत नीचे हैं। इंस्टिट्यूट के मुताबिक वृक्षा रोपण के बाद 60-65% तक वृक्ष जीवित रहने चाहिए। CAG रिपोर्ट में कहा गया कि कम से कम 3 सरकारी अस्पतालों में 34 एक्सपायर दवाइयों का स्टॉक था। इसमें से कुछ दवाइयां तो 2 साल पहले ही एक्सपायर हो गई थीं। उत्तराखंड में सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टर की कमी है और इसकेक लिए नए रूल बनाए जाने की जरूरत है।रिपोर्ट में कहा गया पहाड़ी इलाकों में ऐसे डॉक्टर्स की 70% और मैदानी इलाकों में 50% पोस्ट खाली है। 250 डॉक्टर्स को लॉकडाउन का वॉयलेशन करने के बाद भी काम करने की इजाजत दी गई।