प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कथित तौर पर आपत्तिजनक नारे लगाने को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के बीच राजनीतिक टकराव तेज़ हो गया है। रविवार को दिल्ली में कांग्रेस द्वारा कथित वोट चोरी के मुद्दे पर आयोजित एक रैली में 'मोदी तेरी कब्र खुदेगी आज नहीं तो कल' जैसे नारे लगाए जाने की खबर सामने आई है, जिसने राजनीतिक गलियारों में तूफान खड़ा कर दिया है।
इस नारे को लेकर भाजपा ने सोमवार को संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) में जमकर हंगामा किया, जिसके कारण सदन की कार्यवाही भी स्थगित करनी पड़ी। भाजपा अब कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से इस आपत्तिजनक बयान के लिए सार्वजनिक माफी की मांग कर रही है।
वीडियो के जरिए आरोप
हालांकि, कांग्रेस पार्टी ने ऐसे किसी भी आपत्तिजनक नारे के बारे में जानकारी होने से इनकार किया है। लेकिन, रविवार को भाजपा नेता प्रदीप भंडारी ने रैली का एक वीडियो ट्वीट किया था, जिसमें कथित तौर पर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को यह नारा लगाते हुए दिखाया गया है।
अगले साल मार्च-अप्रैल में होने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले, भाजपा एक बार फिर इस मुद्दे को उठाकर कांग्रेस पर आक्रामक हमला करने की तैयारी में है। यह घटनाक्रम ऐसे समय में आया है जब देश में चुनावी माहौल बनने लगा है, और ऐसे बयानों को भाजपा राजनीतिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर सकती है।
पुराने विवादास्पद बयान और उनका असर
भारतीय राजनीति में नेताओं के खिलाफ विवादास्पद और आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल कोई नई बात नहीं है, और भाजपा ने हमेशा ऐसे बयानों को एक मजबूत राजनीतिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया है।
मणिशंकर अय्यर का "नीच" विवाद (2017)
• इससे पहले 2017 में, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने पीएम मोदी के लिए एक बेहद आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल किया था।
• संविधान निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर से जुड़े एक कार्यक्रम में अय्यर ने पीएम मोदी को एक "नीच किस्म का आदमी" बताया था।
• इस बयान पर भारी विवाद हुआ। तत्कालीन कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी नाराजगी जाहिर की और पार्टी ने इस बयान से खुद को अलग कर लिया। बाद में, कांग्रेस ने अय्यर को पार्टी से निलंबित कर दिया था।
सोनिया गांधी का "मौत का सौदागर" विवाद (2012)
• इससे भी पहले, 2012 के गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान, कांग्रेस की तत्कालीन अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पीएम मोदी (जो उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री थे) के लिए एक अत्यंत आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल किया था।
• सोनिया गांधी ने एक चुनावी रैली में पीएम मोदी को "मौत का सौदागर" बताया था।
• सोनिया गांधी का यह बयान गुजरात में एक बड़ा चुनावी मुद्दा बन गया था। भाजपा ने इसे गुजराती अस्मिता से जोड़कर जोरदार तरीके से उठाया, जिसका परिणाम यह हुआ कि राज्य में हुए विधानसभा चुनाव में जनता ने रिकॉर्ड तोड़ तरीके से भाजपा के पक्ष में मतदान किया था।