सोशल मीडिया आज सूचनाओं के प्रसार का सबसे तेज माध्यम बन चुका है, लेकिन इसके साथ ही फेक न्यूज और भ्रामक दावों का खतरा भी तेजी से बढ़ गया है। आए दिन कोई न कोई वीडियो या पोस्ट वायरल होती रहती है, जिनमें से कई का सत्यता से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं होता।
हाल ही में, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर ऐसा ही एक वीडियो आग की तरह वायरल हो रहा है। इस वीडियो में यह दावा किया गया है कि भारत सरकार ने कफ सिरप में इस्तेमाल होने वाले एक महत्वपूर्ण घटक, 'डेक्सट्रोमेथॉर्फन हाइड्रोब्रोमाइड' (Dextromethorphan Hydrobromide) पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। यह दावा आम जनता और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के बीच तेजी से चिंता पैदा कर रहा है।
क्या हो रहा है वायरल?
इंस्टाग्राम पर वायरल हो रहे वीडियो में साफ तौर पर कहा गया है कि सरकार ने कफ सिरप में इस्तेमाल होने वाले 'डेक्सट्रोमेथॉर्फन हाइड्रोब्रोमाइड' नामक घटक के उपयोग पर रोक लगा दी है। चूँकि यह घटक कई आम खांसी की दवाइयों में पाया जाता है, इसलिए इस खबर ने लाखों लोगों को भ्रमित कर दिया है।
कैसे पता लगी सच्चाई? (PIB फैक्ट चेक)
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस दावे की सच्चाई जानने के लिए, प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) ने एक फैक्ट चेक किया। PIB सरकार से संबंधित गलत सूचनाओं का खंडन करने के लिए एक विश्वसनीय स्रोत है।
पीआईबी द्वारा किए गए फैक्ट चेक में यह जानकारी सामने आई कि इंस्टाग्राम पर किया गया यह दावा पूरी तरह से भ्रामक और फर्जी है।
सच्चाई यह है:
फैक्ट चेक में यह स्पष्ट किया गया कि 'डेक्सट्रोमेथॉर्फन हाइड्रोब्रोमाइड' घटक के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध (Total Ban) नहीं है।
असल में, केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने इस घटक से युक्त कुछ निश्चित खुराक संयोजनों (Fixed Dose Combinations – FDCs) पर प्रतिबंध लगाया है।
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CDSCO ने विशेष रूप से उन FDCs पर कार्रवाई की है, जिनमें 'डेक्सट्रोमेथॉर्फन हाइड्रोब्रोमाइड' को एंटीहिस्टामाइन और डीकंजेस्टेंट जैसी अन्य दवाओं के साथ मिलाया गया है।
	 
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यह प्रतिबंध मुख्य रूप से बच्चों में, खासकर 4 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में, इसके उपयोग से जुड़े जोखिमों को देखते हुए लगाया गया है।
	 
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स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह भी अनिवार्य किया है कि इन दवाओं के लेबल पर स्पष्ट रूप से लिखा हो कि यह दवा "4 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए नहीं" है।
	 
यानी, यह प्रतिबंध घटक पर पूर्ण रूप से नहीं, बल्कि इसके कुछ विशिष्ट कॉम्बिनेशंस पर और बच्चों में इसके गलत इस्तेमाल को रोकने के उद्देश्य से लगाया गया है।
लोगों के लिए सलाह
लोगों को सलाह दी जाती है कि वे सोशल मीडिया पर वायरल हो रही सभी झूठी और भ्रामक जानकारी से सावधान रहें और ऐसी गलत सूचनाओं पर ध्यान न दें।
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जनसामान्य के मध्य दुष्प्रचार करने के उद्देश्य से बनाए जा रहे ऐसे मैसेजेस को शेयर न करें।
	 
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किसी भी खबर पर विश्वास करने या उसे शेयर करने से पहले हमेशा आधिकारिक सोर्सेज (जैसे PIB, स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट, या CDSCO की आधिकारिक विज्ञप्ति) से उसकी पुष्टि अवश्य कर लें।
	 
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केंद्र सरकार से जुड़ी सही और प्रामाणिक जानकारी या विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं की आधिकारिक जानकारी हेतु केवल आधिकारिक पोर्टल्स पर ही विजिट करें।