यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध कमजोर है तो उसे बुध को मजबूत करने के लिए बुधवार के दिन बुध स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। मान्यता है कि इस पाठ को करने से जीवन की सभी समस्याओं से मुक्ति मिलती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब किसी व्यक्ति की कुंडली में ग्रह कमजोर होते हैं तो व्यक्ति का जीवन प्रभावित होने लगता है। ऐसी स्थिति में बुध को ग्रहों का राजकुमार कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि जिस व्यक्ति की कुंडली में बुध ग्रह कमजोर होता है उसे जीवन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। लेकिन जब कुंडली में बुध ग्रह मजबूत होता है तो व्यक्ति को अच्छे परिणाम मिलते हैं। तो आइए जानते हैं बुध स्तोत्र के पाठ के बारे में।
बुध स्तोत्र
पीताम्बर: पीतवपु किरीटी, चतुर्भुजो देवदु:खापहर्ता ।
धर्मस्य धृक सोमसुत: सदा में, सिंहाधिरुढ़ो वरदो बुधश्च ।।
प्रियंगुकनकश्यामं रूपेणाप्रतिमं बुधम ।
सौम्यं सौम्यगुणोपेतं नमामि शशिनन्दनम ।।
सोमसुनुर्बुधश्चैव सौम्य: सौम्यगुणान्वित: ।
सदा शान्त: सदा क्षेमो नमामि शशिनन्दनम ।।
उत्पातरूपी जगतां चन्द्रपुत्रो महाद्युति: ।
सूर्यप्रियकरोविद्वान पीडां हरतु मे बुधं ।।
शिरीषपुष्पसंकाशं कपिलीशो युवा पुन: ।
सोमपुत्रो बुधश्चैव सदा शान्तिं प्रयच्छतु ।।
श्याम: शिरालश्चकलाविधिज्ञ:, कौतूहली कोमलवाग्विलासी ।
रजोधिको मध्यमरूपधृक स्या-दाताम्रनेत्रो द्विजराजपुत्र:।।
अहो चन्द्रासुत श्रीमन मागधर्मासमुदभव: ।
अत्रिगोत्रश्चतुर्बाहु: खड्गखेटकधारक: ।।
गदाधरो नृसिंहस्थ: स्वर्णनाभसमन्वित: ।
केतकीद्रुमपत्राभ: इन्द्रविष्णुप्रपूजित: ।।
ज्ञेयो बुध: पण्डितश्च रोहिणेयश्च सोमज: ।
कुमारो राजपुत्रश्च शैशवे शशिनन्दन: ।।
गुरुपुत्रश्च तारेयो विबुधो बोधनस्तथा ।
सौम्य: सौम्यगुणोपेतो रत्नदानफलप्रद: ।।
एतानि बुधनामानि प्रात: काले पठेन्नर: ।
बुद्धिर्विवृद्धितां याति बुधपीडा न जायते ।।
बुध स्तोत्र पाठ का महत्व
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, बुधवार के दिन बुध स्तोत्र का पाठ करने से कुंडली में बुध ग्रह की स्थिति को मजबूत हो जाती है। साथ ही बुध दोष से मुक्ति भी मिलती है। यदि किसी जातक की कुंडली में बुध ग्रह प्रभावशाली होते हैं, तो जातक को शिक्षा और कार्यक्षेत्र में सफलता मिलती हैं।