अन्नपूर्णा जयंती हर वर्ष मार्गशीर्ष (अगहन) पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है। 2023 में अन्नपूर्णा जयंती 26 दिसंबर यानी कल मनाई जाएगी. द्रिक पंचांग के अनुसार इस दिन पूर्णिमा तिथि सुबह 5.46 बजे से शुरू होगी. यह तिथि 27 दिसंबर को सुबह 6 बजकर 02 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसे में अन्नपूर्णा जयंती 26 दिसंबर मंगलवार को मनाई जाएगी. जानिए अन्नपूर्णा जयंती पर क्या करें और क्या न करें।
अन्नपूर्णा जयंती पर क्या करना शुभ होता है?
- अन्नपूर्णा जयंती माँ अन्नपूर्णा को समर्पित है, जिनकी कृपा से भूख मिटती है।
- इस दिन किसी भी रूप में अन्न का अपमान नहीं करना चाहिए।
- थाली में उतना ही खाना खाएं जितनी आपको भूख हो।
- अन्नपूर्णा जयंती के दिन घर में खाना बनाने से पहले चूल्हे की पूजा करें।
- चूल्हे पर सिन्दूर लगाएं और फूल चढ़ाएं।
- पके हुए भोजन को चूल्हे से उतारने से पहले अग्निदेव को अर्पित करें।
- माता अन्नपूर्णा को धनिया, पंजीरी आदि का भोग भी लगाया जा सकता है।
- अन्नपूर्णा जयंती पर 'ओम ह्रीं अन्नपूर्णाय नम:' मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें।
अन्नपूर्णा जयंती पर क्या न करें?
- अन्नपूर्णा जयंती के दिन मां अन्नपूर्णा को दूर्वा न चढ़ाएं।
- अन्नपूर्णा माता की पूजा के दौरान काले कपड़े न पहनें।
- पूजा के दौरान लाल, पीले या सफेद जैसे शुभ रंग के कपड़े पहनना शुभ होता है।
- यदि आप अन्नपूर्णा माता पूजा के दौरान मंत्र का जाप करते हैं तो तुलसी की माला का प्रयोग न करें।
अन्नपूर्णा जयंती का महत्व
मान्यता के अनुसार मां दुर्गा अन्नपूर्णा के रूप में सभी प्राणियों का पालन-पोषण करती हैं। मां अन्नपूर्णा की कृपा से ही घर अन्न से भर जाता है। इसलिए अन्नपूर्णा जयंती के दिन माता अन्नपूर्णा की पूजा की जाती है। अन्नपूर्णा जयंती यह संदेश देती है कि कभी भी अन्न का अनादर नहीं करना चाहिए। ऐसे में अन्नपूर्णा जयंती पर सभी को यह प्रण लेना चाहिए कि वह भविष्य में कभी भी अन्न का अपमान नहीं करेंगे।