पाकिस्तान में इस साल होने वाले राष्ट्रीय चुनाव को देखते हुए सभी राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं. इसी कड़ी में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने प्रधानमंत्री पद के लिए अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर दी है. पीपीपी की केंद्रीय कार्यसमिति की बैठक में बिलावल भुट्टो के नाम पर मुहर लगी. इस दौरान पीपीपी का चुनावी घोषणा पत्र भी जारी किया गया.
कौन हैं बिलावल भुट्टो जरदारी?
बिलावल भुट्टो जरदारी के पिता आसिफ अली देश के राष्ट्रपति रह चुके हैं। वह पूर्व राष्ट्रपति और प्रधान मंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो और उनकी पत्नी नुसरत भुट्टो के पोते हैं। बिलावल का जन्म 21 सितंबर 1988 को कराची में हुआ था। उन्होंने अपनी शिक्षा ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और रशीद स्कूल फॉर बॉयज़, क्राइस्ट चर्च से पूरी की।
बिलावल भुट्टो के नाम पर बनी सहमति
पीपीपी अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी की अध्यक्षता में सीईसी की एक हाइब्रिड बैठक हुई, जिसमें पार्टी के चुनाव अभियान, घोषणापत्र, देश में वर्तमान राजनीतिक स्थिति और अन्य दलों के साथ गठबंधन की संभावनाओं पर चर्चा की गई। इसी बैठक के दौरान आसिफ अली ने प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर बिलावल भुट्टो का नाम प्रस्तावित किया, जिस पर सभी सदस्यों ने अपना समर्थन जताया.
बिलावल भुट्टो ने क्या कहा?
चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने के बाद बिलावल भुट्टो ने कहा कि आतंकी खतरे के बावजूद वह चार प्रांतों में पीपीपी का चुनाव अभियान चलाएंगे. उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के बाद वह उन सभी नीतियों को खत्म कर देंगे जिनसे पाकिस्तान में आतंकवाद को पनपने का मौका मिला। इसके साथ ही उन्होंने बड़े उद्योगों को दी जाने वाली 1500 अरब पाकिस्तानी रुपये की सब्सिडी हटाकर किसानों के हित में निवेश करने का संकल्प लिया.
मां को गोली मार दी गई
बिलावल की मां पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो थीं, जिनकी 2007 में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उस वक्त बिलावल सिर्फ 19 साल के थे। बिलावल के नाम सबसे युवा विदेश मंत्री (33 वर्ष) बनने का रिकॉर्ड भी है। वह पहली बार 2008 में पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के लिए चुने गए थे। बिलावल ने इमरान खान की सरकार को हटाने में भी बड़ी भूमिका निभाई थी.