अमेरिका की स्पेस एजेंसी NASA और प्राइवेट स्पेस कंपनी Axiom Space द्वारा संचालित महत्वाकांक्षी Axiom Mission-4 एक बार फिर से लॉन्च नहीं हो सका। भारतीय समयानुसार 11 जून 2025 को शाम 5:30 बजे इस मिशन को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) के लिए रवाना किया जाना था, लेकिन लिक्विड ऑक्सीजन (LOX) लीकेज की समस्या के चलते मिशन की लॉन्चिंग को टाल दिया गया। यह चौथी बार है जब इस मिशन को किसी न किसी तकनीकी या मौसम संबंधी कारण से टालना पड़ा है।
कहां से होनी थी लॉन्चिंग?
Axiom-4 मिशन को अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित Kennedy Space Center के Launch Complex 39A से स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट के माध्यम से लॉन्च किया जाना था। इस रॉकेट में चार अंतरिक्ष यात्री सवार होंगे, जिनमें भारत के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला भी शामिल हैं। वे इस मिशन के पायलट होंगे।
कौन हैं शुभांशु शुक्ला?
शुभांशु शुक्ला भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन हैं और वे राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय होंगे। यह न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया के लिए गर्व की बात है कि भारतीय एस्ट्रोनॉट इस महत्वपूर्ण मिशन का हिस्सा हैं। वह इस मिशन में वैज्ञानिक अनुसंधान के अलावा पायलटिंग का जिम्मा संभालेंगे।
मिशन में कौन-कौन जा रहे हैं अंतरिक्ष में?
इस मिशन में कुल चार अंतरिक्ष यात्री भाग लेंगे:
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पैगी व्हिटसन (अमेरिका) – मिशन कमांडर और अनुभवी NASA एस्ट्रोनॉट
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शुभांशु शुक्ला (भारत) – पायलट
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स्लावोज उज्नान्स्की (पोलैंड) – मिशन स्पेशलिस्ट
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टिबोर कापू (हंगरी) – मिशन स्पेशलिस्ट
लॉन्चिंग में देरी क्यों?
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मिशन को पहली बार 29 मई को लॉन्च किया जाना था।
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फिर 8 जून को इसकी तारीख तय की गई, लेकिन तकनीकी कारणों से टाल दिया गया।
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10 जून को खराब मौसम की वजह से लॉन्च रद्द कर दी गई।
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और अब 11 जून को लिक्विड ऑक्सीजन लीकेज (LOX Leak) के कारण एक बार फिर से स्थगित कर दिया गया।
क्या है Axiom Mission-4?
Axiom-4 एक प्राइवेट स्पेस फ्लाइट मिशन है, जिसे NASA, ISRO (भारत), और ESA (यूरोप) के सहयोग से संचालित किया जा रहा है। यह मिशन कुल 14 दिनों का होगा, जिसमें चारों अंतरिक्ष यात्री अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर रहकर 7 प्रमुख वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे।
मिशन की खास बातें:
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ड्रैगन कैप्सूल में जाएंगे चारों एस्ट्रोनॉट
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लॉन्च के बाद 48 घंटे में ISS तक पहुंचने का अनुमान
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60 वैज्ञानिकों की रिसर्च टीम, जो 31 देशों का प्रतिनिधित्व करेगी
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5140 करोड़ रुपये (लगभग 60 मिलियन डॉलर) खर्च
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मिशन में मानव स्वास्थ्य, बायोलॉजिकल ग्रोथ, माइक्रोग्रैविटी पर रिसर्च शामिल
रिसर्च एजेंडा
Axiom-4 के दौरान जिन प्रमुख प्रयोगों पर काम होगा, उनमें शामिल हैं:
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अंतरिक्ष में सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण का बीजों और पौधों पर प्रभाव
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मानव शरीर पर अंतरिक्ष के प्रभाव – विशेष रूप से हृदय, मस्तिष्क और मांसपेशियों पर
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टेक्नोलॉजी टेस्टिंग और भविष्य की अंतरिक्ष खेती की संभावनाएं
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7 प्रयोग भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा और 5 नासा द्वारा किए जाएंगे
अब तक कितने मिशन कर चुकी है Axiom Space?
Axiom Space अब तक तीन सफल मिशन कर चुकी है:
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Axiom-1 – 17 दिन का मिशन, 1 अप्रैल 2022 को लॉन्च
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Axiom-2 – 8 दिन का मिशन, 2 मई 2023 को लॉन्च
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Axiom-3 – 18 दिन का मिशन, 3 जनवरी 2024 को लॉन्च
Axiom-4 इस सीरीज़ का चौथा मिशन है और उम्मीद की जा रही है कि यह भी अपने पूर्ववर्ती मिशनों की तरह सफल होगा – बस अब लॉन्चिंग की नई तारीख का इंतजार है।
आगे क्या?
LOX लीकेज की समस्या को जल्द से जल्द सुलझाकर नई लॉन्चिंग डेट की घोषणा NASA और Axiom Space जल्द ही करेंगे। शुभांशु शुक्ला और उनके साथियों की सुरक्षा सर्वोपरि है और इसलिए कोई भी लॉन्च तब तक नहीं किया जाएगा, जब तक सभी तकनीकी समस्याओं का समाधान नहीं हो जाता।
निष्कर्ष
भारत के लिए यह ऐतिहासिक पल बनने जा रहा है जब एक बार फिर से भारतीय अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष की यात्रा पर जाएंगे। शुभांशु शुक्ला जैसे वीर पायलट की मौजूदगी इस मिशन को और भी खास बनाती है। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि NASA अगली लॉन्च विंडो कब घोषित करेगा और कब Axiom-4 अंततः अंतरिक्ष की उड़ान भरेगा