PM Modi Canada Visit: कनाडा पहुंचे पीएम मोदी, G-7 समिट में लेंगे हिस्सा, जानें कैसा है प्रवासियों में उत्साह?

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Posted On:Tuesday, June 17, 2025

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों तीन देशों के दौरे पर हैं, जिसमें उनका अगला पड़ाव है कनाडा। इससे पहले उन्होंने साइप्रस में दो दिन बिताए, जहां उन्हें साइप्रस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा गया। अब पीएम मोदी G-7 शिखर सम्मेलन 2025 में भाग लेने के लिए कनाडा के कैननास्किस पहुंच गए हैं। यह समिट भारत समेत विश्व के कई शक्तिशाली देशों के लिए रणनीतिक, आर्थिक और राजनीतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।


G-7 शिखर सम्मेलन में भारत की अहम भूमिका

G-7 समिट 2025 में प्रधानमंत्री मोदी आर्थिक विकास, जलवायु परिवर्तन, वैश्विक सुरक्षा, आतंकवाद, और एशिया-प्रशांत क्षेत्र की स्थिरता जैसे मुद्दों पर अपनी बात रखेंगे। दुनिया के प्रमुख लोकतांत्रिक और औद्योगिक देशों की इस बैठक में भारत की मौजूदगी इस बात का संकेत है कि भारत अब वैश्विक नीति निर्धारण में एक अहम भूमिका निभा रहा है।

G-7 समिट के दौरान पीएम मोदी की अमेरिका, कनाडा, जापान, फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन जैसे देशों के नेताओं से अलग-अलग द्विपक्षीय मुलाकातें भी निर्धारित हैं। भारत-चीन सीमा विवाद, रूस-यूक्रेन युद्ध, और वैश्विक सप्लाई चेन जैसे मुद्दे भी इन चर्चाओं का हिस्सा होंगे।


कनाडा में पीएम मोदी का भव्य स्वागत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कनाडा पहुंचते ही भारतीय प्रवासी समुदाय में उत्साह की लहर दौड़ गई। टोरंटो, वैंकूवर, ओटावा और कैलगरी जैसे शहरों में रहने वाले हजारों भारतीयों ने उनकी यात्रा का स्वागत किया। टोरंटो में बसे भारतीय व्यवसायी सनी शर्मा ने कहा,

"G-7 को आज भारत की जरूरत है। प्रधानमंत्री मार्क कार्नी भी समझते हैं कि व्यापारिक संबंध राजनीति से ऊपर हैं।"

कनाडा में मीडिया और नागरिकों ने भी इस दौरे को खास महत्व दिया है। कनाडाई पत्रकार डैनियल बोर्डमैन ने कहा,

"पीएम मोदी का दौरा कनाडा के लिए एक नए राजनीतिक युग की शुरुआत हो सकती है।"


खालिस्तान मुद्दा: संबंधों में सबसे बड़ा अवरोध

भारत और कनाडा के संबंधों में सबसे बड़ी चुनौती आज भी खालिस्तान समर्थकों की गतिविधियां हैं। बोर्डमैन ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा कि

"कनाडा का सामाजिक ढांचा खालिस्तानी तत्वों से प्रभावित हुआ है। ये न केवल भारत-कनाडा संबंधों में बाधा हैं, बल्कि कनाडा के अंदर भी ड्रग्स तस्करी और सामाजिक अस्थिरता फैला रहे हैं।"

उन्होंने यह भी कहा कि अगर कनाडा वैश्विक मंच पर एक जिम्मेदार और मजबूत देश बनना चाहता है, तो उसे खालिस्तान जैसे मुद्दों पर ठोस नीति बनानी ही होगी। भारत इस दौरे में इस विषय पर स्पष्ट वार्ता की उम्मीद कर रहा है।


भारत-कनाडा व्यापार पर प्रभाव

प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा का एक मुख्य उद्देश्य भारत-कनाडा व्यापारिक संबंधों को नया रूप देना भी है। दोनों देशों के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर वार्ता चल रही है, जो कई वर्षों से अटकी हुई है। पीएम मोदी और पीएम मार्क कार्नी के बीच इस पर आगे की दिशा तय होने की संभावना है।

ऊर्जा, तकनीक, शिक्षा, कृषि और रक्षा क्षेत्र में निवेश और सहयोग की व्यापक संभावनाएं हैं। भारत में कनाडा की कंपनियों का निवेश बढ़ रहा है और भारत की IT कंपनियां भी कनाडा में मजबूत उपस्थिति बना रही हैं।

निष्कर्ष

पीएम मोदी की कनाडा यात्रा न केवल G-7 शिखर सम्मेलन के लिहाज से अहम है, बल्कि यह भारत-कनाडा संबंधों को एक नई दिशा देने का अवसर भी है। खालिस्तान जैसे संवेदनशील मुद्दे, व्यापारिक समझौते, और प्रवासी भारतीयों की भूमिका इस यात्रा को विशेष बनाते हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह दौरा निश्चित ही दोनों देशों के संबंधों को राजनीतिक संकोच से आर्थिक साझेदारी की ओर ले जाने की दिशा में एक ठोस कदम साबित हो सकता है।


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