अमेरिका के लॉस एंजेलिस शहर में अप्रवासियों द्वारा की गई हिंसा और प्रदर्शनों को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ‘विदेशी आक्रमण’ करार दिया है। ट्रंप का मानना है कि अमेरिकी सैनिकों ने अपनी जान की परवाह न करते हुए देश की रक्षा की है, लेकिन अब उनके संघर्ष का फल यह नहीं होना चाहिए कि कोई बाहरी तत्व अमेरिका के भीतर अराजकता फैलाए। ट्रंप ने स्पष्ट किया कि कोई भी विदेशी दुश्मन अमेरिकी जमीन पर कब्जा नहीं करने देगा। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए, हजारों नेशनल गार्ड्स और अमेरिकी मरीन सैनिकों को लॉस एंजिलिस में तैनात किया गया है ताकि कानून व्यवस्था को बहाल किया जा सके और हिंसा पर काबू पाया जा सके।
लॉस एंजिलिस में बिगड़ती कानून व्यवस्था
कुछ वर्षों पहले तक लॉस एंजिलिस को दुनिया के सबसे स्वच्छ, सुरक्षित और सुंदर शहरों में गिना जाता था। लेकिन अब यह शहर पूरी तरह से एक कूड़े के ढेर में तब्दील हो चुका है। अंतरराष्ट्रीय गिरोहों और आपराधिक नेटवर्कों ने शहर की सड़कों, गलियों और मोहल्लों पर कब्जा कर लिया है। यह स्थिति स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है। प्रदर्शनकारियों द्वारा पुलिस और संघीय एजेंसियों पर हमले हो रहे हैं, जिनमें ICE (Immigration and Customs Enforcement) एजेंट भी शामिल हैं। ऐसे हालात ने राष्ट्रपति ट्रंप को कड़ा रुख अपनाने पर मजबूर किया है।
राष्ट्रपति ट्रंप का सख्त बयान और सेना की तैनाती
ट्रंप ने अमेरिकी सेना की 250वीं वर्षगांठ के अवसर पर फोर्ट ब्रैग, उत्तरी कैरोलिना में दिए गए भाषण में कहा कि अनियंत्रित प्रवास से अराजकता, शिथिलता और अव्यवस्था बढ़ती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार लॉस एंजिलिस को फिर से एक स्वच्छ, स्वतंत्र और सुरक्षित शहर बनाएगी। ट्रंप ने इन प्रदर्शनों को शांति और राष्ट्रीय संप्रभुता पर हमला बताया और कहा कि हिंसा में शामिल लोग पेशेवर उपद्रवी हैं।
ट्रंप ने अमेरिकी सीनेटरों के साथ मिलकर ऐसा कानून लागू करने का ऐलान किया है जिसमें अमेरिकी ध्वज जलाने वालों को एक साल की जेल की सजा दी जाएगी। यह कड़ा कानून जल्दी ही संसद में पेश किया जाएगा और लागू कर दिया जाएगा।
गवर्नर गेविन न्यूजॉम और मेयर करेन बास पर आरोप
ट्रंप ने अपने भाषण में कैलिफोर्निया के गवर्नर गेविन न्यूजॉम और लॉस एंजिलिस की मेयर करेन बास पर निशाना साधा। उन्होंने दोनों को “अक्षम” बताते हुए आरोप लगाया कि वे विरोध प्रदर्शनों को रोकने में असफल रहे हैं और उपद्रवियों, आंदोलनकारियों व विद्रोहियों को प्रोत्साहित कर रहे हैं। ट्रंप का कहना है कि जब तक लॉस एंजिलिस से ICE एजेंसियों की वापसी नहीं होती और संघीय आव्रजन कानूनों का सख्ती से पालन नहीं किया जाता, तब तक हिंसा जारी रहेगी।
ICE छापों के बाद भड़के विरोध
विरोध प्रदर्शन तब शुरू हुए जब ICE एजेंटों ने शहर में छापे मारे और अवैध अप्रवासियों को गिरफ्तार किया। इस कार्रवाई से गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने हिंसक प्रदर्शन शुरू कर दिया। कई इलाकों में आगजनी, तोड़फोड़ और सड़कों पर जाम लगाकर माहौल तनावपूर्ण कर दिया गया। पुलिस पर हमले के साथ-साथ संघीय एजेंसियों के कर्मियों पर भी हिंसा हुई।
रक्षा विभाग की कार्रवाई और 2000 अतिरिक्त नेशनल गार्ड की तैनाती
इन परिस्थितियों के बीच, अमेरिकी रक्षा विभाग ने घोषणा की कि लॉस एंजिलिस में संघीय आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (ICE) एजेंटों तथा अन्य संघीय कानून प्रवर्तन अधिकारियों का समर्थन करने के लिए 2000 अतिरिक्त नेशनल गार्ड सैनिक भेजे जाएंगे। यह कदम कानून व्यवस्था बहाल करने और शहर में शांति स्थापित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
ट्रंप प्रशासन और स्थानीय सरकार के बीच तनातनी
इस पूरे घटनाक्रम के दौरान ट्रंप प्रशासन और कैलिफोर्निया की राज्य सरकार के बीच मतभेद स्पष्ट रूप से देखने को मिले हैं। गवर्नर न्यूजॉम ने ट्रंप के कड़े कदमों की आलोचना की है और आरोप लगाया है कि संघीय सरकार राज्य की स्वायत्तता में दखल दे रही है। उन्होंने कहा है कि स्थानीय प्रशासन ही शहर की सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने में सक्षम है।
इसके अलावा, ट्रंप के बयान और सेना तैनाती के फैसले ने देश में राजनीतिक विरोध और बहस को भी जन्म दिया है। डेमोक्रेटिक नेता और मानवाधिकार संगठन इसे नागरिक स्वतंत्रता पर हमला मान रहे हैं और प्रशासन से संवाद के जरिए समस्या के समाधान की मांग कर रहे हैं।
निष्कर्ष
लॉस एंजिलिस में अप्रवासियों के विरोध और हिंसा की स्थिति ने अमेरिका के सामने बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। राष्ट्रपति ट्रंप की सख्त कार्रवाई ने कुछ हद तक तनाव को नियंत्रित करने की कोशिश की है, लेकिन साथ ही इसने शहर में तनाव और विवाद को भी बढ़ावा दिया है।