मुंबई, 25 नवंबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। दिल्ली में भारत मंडपम में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सहकारी गठबंधन (ICA) के ग्लोबल कोऑपरेटिव कॉन्फ्रेंस 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत के सहकारी क्षेत्र में महिलाओं की हिस्सेदारी 60% से अधिक है। भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने सहकारी प्रबंधन में महिला डायरेक्टरों को शामिल करने के लिए मल्टी स्टेट सहकारी समिति अधिनियम में संशोधन किया है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने खादी और ग्रामोद्योग जैसे क्षेत्रों में नया आंदोलन खड़ा किया। आज खादी और ग्रामोद्योग को हमारी सहकारिता ने बड़े-बड़े ब्रांड से भी आगे पहुंचा दिया है। आजादी के आंदोलन को भी सहकारिता ने प्रेरित किया है। पीएम ने कहा कि इससे आर्थिक सशक्तिकरण में तो मदद मिली ही साथ ही स्वतंत्रता सेनानियों को एक सामूहिक मंच भी मिला। महात्मा गांधी जी के ग्राम स्वराज ने सामुदायिक भागीदारी को फिर से नई ऊर्जा दी थी। उन्होंने इसका उद्घाटन भी किया। ये कार्यक्रम भारत में पहली बार आयोजित किया गया। साथ ही अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 को समर्पित पोस्टल स्टाम्प एल्बम भी लॉन्च किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा अंतरराष्ट्रीय सहकारी गठबंधन का वैश्विक सम्मेलन पहली बार भारत में आयोजित किया जा रहा है। भारत में हम सहकारिता आंदोलन का विस्तार कर रहे हैं। मैं भारत के सभी किसानों, मछुआरों, स्वयं सहायता समूहों की 10 करोड़ महिलाओं, 8 लाख से अधिक सहकारी संस्थाओं की तरफ से आप सभी का स्वागत कर रहा हूं। एक देश और समाज जो महिलाओं को ज्यादा मौके देता है, वो तेज गति से प्रोग्रेस करेगा। आज भारत में महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास का युग है। हम सहकारी समितियों के प्रबंधन में उनकी भागीदारी बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं। मुझे विश्वास है कि इस सम्मेलन के माध्यम से हमें भारत की भावी सहकारी यात्रा के बारे में जानकारी मिलेगी। भारत के अनुभवों के माध्यम से वैश्विक सहकारी आंदोलन को 21वीं सदी के उपकरण और नई भावना मिलेगी दुनिया के लिए सहकारिताएं एक मॉडल हैं, भारत के लिए वे हमारी संस्कृति और जीवन शैली की नींव हैं। सहकारी समितियों की सफलता उनके सदस्यों के नैतिक विकास पर निर्भर करती है। क्योंकि नैतिकता मानवता को लाभ पहुंचाने वाले फैसलों को चलती हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्रीय गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह ने की। इसमें भूटान के प्रधानमंत्री, फिजी के उप-प्रधानमंत्री भी उपस्थित रहे। इसके अलावा दुनियाभर के 107 देशों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। सम्मेलन का विषय, सहकारिता से सभी की समृद्ध का निर्माण।