नवरात्रि के पावन अवसर पर तीसरे दिन एक बड़ी घोषणा हुई है, जो एलपीजी उपभोक्ताओं के लिए राहत भरी खबर लेकर आई है। देशभर में 1 अप्रैल से रसोई गैस की कीमतों में बदलाव किया गया है, जिसमें सबसे बड़ा बदलाव कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में कटौती के रूप में सामने आया है। तेल विपणन कंपनियों ने इस महीने के लिए नई दरों की घोषणा की है, जिसमें व्यावसायिक उपयोग में आने वाले 19 किलोग्राम के एलपीजी सिलेंडर की कीमत में कमी की गई है। हालांकि, घरेलू उपयोग के लिए उपलब्ध 14 किलोग्राम वाले सिलेंडर की कीमत में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
एलपीजी सिलेंडर 41 रुपये हुआ सस्ता
तेल विपणन कंपनियों ने एलपीजी उपभोक्ताओं को बड़ी राहत दी है। अप्रैल की शुरुआत से 19 किलोग्राम वाले व्यावसायिक एलपीजी सिलेंडर की कीमत में 41 रुपये तक की कटौती की गई है। नई दरें पूरे देश में लागू हो चुकी हैं और उपभोक्ताओं को कम कीमतों पर यह गैस उपलब्ध होगी।
घरेलू सिलेंडर की कीमतें स्थिर
हालांकि, घरेलू उपयोग के लिए 14 किलोग्राम वाले एलपीजी सिलेंडर की कीमत में कोई बदलाव नहीं किया गया है। अगस्त 2024 से घरेलू एलपीजी सिलेंडर की दरें स्थिर बनी हुई हैं और इस महीने भी उनमें किसी प्रकार की वृद्धि या कमी नहीं की गई है।
दिल्ली से पटना तक सिलेंडर के नए दाम
देश के विभिन्न शहरों में 19 किलोग्राम वाले व्यावसायिक एलपीजी सिलेंडर की कीमत में कटौती की गई है। नई दरें इस प्रकार हैं:
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दिल्ली: पहले 1803 रुपये, अब 1762 रुपये
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कोलकाता: पहले 1913 रुपये, अब 1872 रुपये
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मुंबई: पहले 1755.50 रुपये, अब 1714.50 रुपये
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चेन्नई: पहले 1965 रुपये, अब 1924 रुपये
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पटना: वर्तमान में 19 किलो वाले कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमत 2031 रुपये है
इस कटौती के कारण रेस्तरां, ढाबा और होटल मालिकों को राहत मिलेगी, जो आम तौर पर व्यावसायिक सिलेंडर का उपयोग करते हैं।
किसे मिलेगी राहत?
कमर्शियल एलपीजी गैस सिलेंडर मुख्य रूप से ढाबों, रेस्तरां और होटलों में उपयोग किया जाता है। इन व्यवसायों के लिए सिलेंडर की कीमत में कटौती का मतलब उनके लिए लागत में सीधी कमी होगी। वर्तमान समय में देश में होटल और रेस्टोरेंट उद्योग तेजी से बढ़ रहा है और उनकी परिचालन लागत का एक बड़ा हिस्सा ईंधन पर निर्भर करता है। ऐसे में, एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में कमी उनके मुनाफे को बढ़ाने में सहायक साबित होगी।
पिछले कुछ महीनों में कीमतों में बदलाव
गौरतलब है कि तेल कंपनियां हर महीने की शुरुआत में एलपीजी सिलेंडर की कीमतों की समीक्षा करती हैं और आवश्यकतानुसार उसमें संशोधन किया जाता है। अगस्त 2024 से घरेलू सिलेंडर की कीमतें स्थिर बनी हुई हैं, जबकि कमर्शियल सिलेंडर की कीमतों में समय-समय पर बदलाव होते रहे हैं। यदि हम पिछले महीनों की कीमतों को देखें, तो कमर्शियल सिलेंडर की दरें पहले की तुलना में अब कम हो रही हैं। इससे व्यापारियों को राहत मिल रही है और वे अपनी सेवाओं को और अधिक किफायती बना सकते हैं।
सरकार और उपभोक्ताओं पर असर
सरकार की ओर से लिए गए इस फैसले का सकारात्मक प्रभाव बाजार पर पड़ेगा। व्यापारियों को राहत मिलने से वे अपने उपभोक्ताओं को भी बेहतर सेवा प्रदान कर पाएंगे। साथ ही, घरेलू उपभोक्ताओं के लिए यह खबर थोड़ी निराशाजनक हो सकती है क्योंकि घरेलू सिलेंडर की कीमतों में किसी प्रकार की राहत नहीं दी गई है। एलपीजी की कीमतों में कटौती से महंगाई पर भी कुछ हद तक प्रभाव पड़ेगा। कमर्शियल उपयोग के लिए गैस सस्ती होने से खाद्य पदार्थों की कीमतों में स्थिरता आ सकती है। इससे उपभोक्ताओं को परोक्ष रूप से लाभ मिलेगा।
क्या भविष्य में घरेलू एलपीजी की कीमतें भी कम होंगी?
फिलहाल घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतों में किसी बदलाव की घोषणा नहीं की गई है, लेकिन भविष्य में इसकी संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता। सरकार और तेल विपणन कंपनियां समय-समय पर मूल्य समीक्षा करती हैं और अंतरराष्ट्रीय बाजार के अनुरूप ही कीमतों में बदलाव किया जाता है। यदि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल और गैस की कीमतों में गिरावट आती है, तो घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतों में भी कटौती हो सकती है। वहीं, सरकार भी आम जनता को राहत देने के लिए सब्सिडी और अन्य योजनाओं पर विचार कर सकती है।
निष्कर्ष
नवरात्रि के तीसरे दिन एलपीजी उपभोक्ताओं के लिए राहत भरी खबर आई है। 19 किलोग्राम वाले कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमत में 41 रुपये तक की कटौती की गई है, जिससे होटल, रेस्तरां और ढाबा मालिकों को राहत मिलेगी। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई और पटना सहित कई शहरों में नई दरें लागू हो चुकी हैं। हालांकि, घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
तेल कंपनियां हर महीने की शुरुआत में कीमतों की समीक्षा करती हैं, इसलिए भविष्य में भी कीमतों में बदलाव की संभावनाएं बनी रहेंगी। उपभोक्ताओं को उम्मीद है कि आने वाले समय में घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतों में भी कटौती हो सकती है।
इस बदलाव से जहां व्यापारियों को लाभ मिलेगा, वहीं आम उपभोक्ताओं के लिए भी अप्रत्यक्ष रूप से यह सकारात्मक साबित हो सकता है। अब देखना यह होगा कि अगले महीनों में सरकार और तेल कंपनियां इस दिशा में क्या नए कदम उठाती हैं।