मुंबई, 17 फरवरी, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। देश को नए मुख्य चुनाव आयुक्त मिल सकते हैं। इसे लेकर पीएम मोदी की अध्यक्षता में बैठक हुई। इसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी शामिल हुए। इसी पैनल की सिफारिश पर नए CEC का चयन होगा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार नए CEC के लिए 5 नामों की सूची दी गई थी। लेकिन राहुल ने नामों पर विचार करने से इनकार कर दिया। बैठक के बाद राहुल गांधी ने डिसेंट नोट जारी किया। इसमें उन्होंने कहा कि मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है इसलिए यह बैठक नहीं होनी चाहिए थी। वहीं, कांग्रेस ने कहा- हम अहंकार में काम नहीं कर सकते। बैठक स्थगित करनी थी ताकि सुप्रीम कोर्ट जल्द फैसला कर सके। मौजूदा मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार का कार्यकाल 18 फरवरी को खत्म हो रहा है। वहीं, उम्मीद की जा रही है कि सीईसी राजीव कुमार के बाद सबसे वरिष्ठ चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को अगला मुख्य चुनाव आयुक्त बनाया जा सकता है। वहीं, कांग्रेस ने कहा कि फैसला सोच समझकर और निष्पक्ष लिया जाए।
कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने बताया कि सीईसी चयन समिति सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन है। ECE के चयन के लिए गठित समिति से CJI को हटाकर सरकार ने साफ कर दिया है कि वह चुनाव आयोग की विश्वसनीयता नहीं, बल्कि नियंत्रण चाहती है। सिंघवी ने कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए नए अधिनियम को चुनौती देने वाला मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में पेडिंग है। इस मामले में 19 फरवरी को सुनवाई है। यह सिर्फ 48 घंटे का मामला था। सरकार को याचिका की शीघ्र सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना चाहिए था।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट CEC और EC की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर 19 फरवरी को सुनवाई करेगा। मामले की सुनवाई 12 फरवरी को होनी थी, लेकिन केस लिस्ट नहीं हुआ था। तब वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटीश्वर सिंह की बेंच के सामने मामला उठाया था। प्रशांत ने कहा था कि CEC राजीव कुमार 18 फरवरी को रिटायर हो रहे हैं। ऐसे में सरकार नए CEC की नियुक्ति कर सकती है, इसलिए कोर्ट इस पर जल्द सुनवाई करे। इस पर कोर्ट ने 19 फरवरी की तारीख देते हुए कहा था कि इस बीच कुछ होता है तो वह अदालत के फैसले के अधीन होगा, इसलिए चिंता की बात नहीं है। मामला मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त अधिनियम, 2023 की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं से जुड़ा है।