मुंबई, 24 जुलाई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। अहमदाबाद में हुई प्लेन दुर्घटना के चार दिन बाद एअर इंडिया के 112 पायलटों ने बीमारी की छुट्टी ले ली। इस संबंध में सिविल एविएशन मंत्री राम मोहन नायडू ने गुरुवार को संसद में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 16 जून को 61 सीनियर पायलट और 51 फ्लाइट ऑफिसरों ने एक साथ मेडिकल लीव के लिए आवेदन किया था। मंत्री ने कहा कि इस तरह की दुर्घटना के बाद पायलटों के मानसिक स्वास्थ्य को समझना और उसका समाधान निकालना जरूरी हो जाता है। उन्होंने कहा कि एयरलाइनों को सलाह दी गई है कि वे अपने पायलटों के लिए सपोर्ट ग्रुप बनाएं ताकि इस तरह की स्थितियों में उन्हें सहयोग मिल सके। इस बीच, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने एअर इंडिया को चार कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं। ये नोटिस केबिन क्रू के आराम और ड्यूटी संबंधी नियमों, ट्रेनिंग के नियमों और संचालन से जुड़े प्रोटोकॉल के उल्लंघन के मामले में दिए गए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ये नोटिस 23 जुलाई को जारी किए गए। एयर इंडिया के प्रवक्ता ने कहा है कि उन्हें ये नोटिस बीते एक साल में दी गई स्वैच्छिक सूचनाओं के आधार पर मिले हैं और वे नियमानुसार समय पर इनका जवाब देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी की प्राथमिकता उसके क्रू और यात्रियों की सुरक्षा है।
सूत्रों के अनुसार, एअर इंडिया ने 20 और 21 जून को DGCA को कुछ उल्लंघनों की जानकारी दी थी, जिनमें से तीन नोटिस 20 जून की जानकारी पर आधारित हैं। इन रिपोर्ट्स में कम से कम चार उड़ानों में केबिन क्रू की ड्यूटी और आराम के नियमों के उल्लंघन की बात सामने आई है। वहीं, 21 जुलाई को राज्यसभा में बोलते हुए सिविल एविएशन मंत्री राममोहन नायडू ने कहा था कि अहमदाबाद विमान हादसे की जांच पूरी तरह निष्पक्ष तरीके से की जा रही है। उन्होंने बताया कि जांच एएआईबी (एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो) द्वारा की जा रही है जो पारदर्शी और नियमों के तहत कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि कुछ भारतीय और विदेशी मीडिया संस्थान इस दुर्घटना को लेकर अलग-अलग कहानियां चला रहे हैं, लेकिन सरकार सिर्फ सच्चाई पर टिके रहने की कोशिश कर रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि चाहे मामला पायलट से जुड़ा हो, एयर इंडिया से हो या बोइंग कंपनी से, सरकार किसी का पक्ष नहीं ले रही और अंतिम निर्णय जांच पूरी होने के बाद ही लिया जाएगा।