आंध्र प्रदेश के तिरुपति स्थित तिरुमाला मंदिर प्रशासन ने हाल ही में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय से अनुरोध किया था कि तिरुमाला मंदिर को 'नो फ्लाई जोन' घोषित किया जाए। इस मांग के बावजूद गुरुवार सुबह एक विमान मंदिर के ऊपर से गुजरा, जिससे श्रद्धालुओं में नाराजगी फैल गई। भक्तों ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई और मंदिर की पवित्रता को ठेस पहुंचने का आरोप लगाया।
टीटीडी का अनुरोध
तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय को पत्र लिखकर यह सुनिश्चित करने की मांग की थी कि कोई भी विमान मंदिर के ऊपर से न उड़े। एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, इस अनुरोध में आगम शास्त्र के दिशा-निर्देशों का हवाला दिया गया है, जो धार्मिक स्थलों की पवित्रता बनाए रखने पर जोर देते हैं।
1 मार्च को लिखा गया था पत्र
1 मार्च को, टीटीडी के चेयरमैन बी.आर. नायडू ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू को पत्र भेजकर तिरुमाला को 'नो फ्लाई जोन' घोषित करने की मांग की थी। इस पत्र में नायडू ने मंदिर की पवित्रता, सुरक्षा चिंताओं और श्रद्धालुओं की भावनाओं को ध्यान में रखने की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि तिरुमाला के ऊपर कम ऊंचाई पर उड़ने वाले विमान और हेलीकॉप्टर श्री वेंकटेश्वर मंदिर और उसके आसपास के पवित्र वातावरण को बाधित करते हैं।
मंदिर की सुरक्षा और सांस्कृतिक विरासत पर असर
टीटीडी ट्रस्ट का मानना है कि तिरुमाला को 'नो फ्लाई जोन' घोषित करने से न केवल मंदिर की पवित्रता बनी रहेगी, बल्कि इसकी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को भी संरक्षित किया जा सकेगा। मंदिर प्रशासन और भक्तों का कहना है कि हवाई मार्ग से उड़ने वाले विमानों के शोर से धार्मिक अनुष्ठानों में बाधा आती है और इससे भक्तों की आस्था पर भी असर पड़ता है।
तत्काल कार्रवाई की मांग
टीटीडी ने केंद्रीय मंत्री से इस मुद्दे पर तुरंत कार्रवाई करने की मांग की है। बी.आर. नायडू ने सोशल मीडिया के जरिए भी अपनी आवाज उठाई। उन्होंने कहा कि तिरुमाला की पवित्रता से कोई समझौता नहीं किया जाना चाहिए और प्रशासन को जल्द से जल्द इस पर ध्यान देना चाहिए। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू किंजरापु ने भी इस पत्र का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि अधिकारी वैकल्पिक उड़ान मार्गों की खोज के लिए हवाई यातायात नियंत्रकों से चर्चा कर रहे हैं। हैदराबाद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा, "हम नेविगेशन और हवाई यातायात नियंत्रकों के साथ इस समस्या का समाधान ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं।"
नो फ्लाई जोन घोषित करने में कानूनी अड़चनें
राममोहन नायडू ने स्पष्ट किया कि किसी भी क्षेत्र को 'नो फ्लाई जोन' घोषित करने का कोई कानूनी प्रावधान नहीं है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इस मुद्दे पर उचित विकल्प तलाश रही है और जल्द ही कोई समाधान निकालने की कोशिश करेगी। इस घटना के बाद भक्तों और प्रशासन का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। अब यह देखना होगा कि केंद्र सरकार इस पर क्या कदम उठाती है और क्या तिरुमाला मंदिर को 'नो फ्लाई जोन' घोषित किया जाता है या नहीं।