भारत के 12वें उपराष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी आज अपना 88वां जन्मदिन मना रहे हैं। लगातार दो कार्यकाल तक देश के सर्वोच्च पद पर आसीन रहे हामिद अंसारी किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) अधिकारी से लेकर उपराष्ट्रपति तक का सफर तय करने वाले हामिद अंसारी ने विदेशों में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया। उनके जन्मदिन के अवसर पर, आइए उनके जीवन, करियर और योगदान पर एक विस्तृत नजर डालते हैं।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
1 अप्रैल 1937 को कोलकाता में जन्मे हामिद अंसारी की प्रारंभिक शिक्षा अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में हुई। इसके बाद उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा उत्तीर्ण की और भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) में शामिल हुए।
भारतीय विदेश सेवा में करियर
एक आईएफएस अधिकारी के रूप में, हामिद अंसारी ने विभिन्न देशों में भारत का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने ईरान, सऊदी अरब, अफगानिस्तान और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) जैसे देशों में राजनयिक के रूप में सेवा दी।
संयुक्त राष्ट्र में भारत का प्रतिनिधित्व
मोहम्मद हामिद अंसारी ने 1993 से 1995 तक संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि के रूप में कार्य किया। इस दौरान, उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के हितों की रक्षा की और विभिन्न वैश्विक मुद्दों पर देश की भूमिका को सुदृढ़ किया।
भारत के उपराष्ट्रपति के रूप में योगदान
मोहम्मद हामिद अंसारी दो बार भारत के उपराष्ट्रपति चुने गए। पहली बार 2007 में और दूसरी बार 2012 में उन्हें इस पद पर नियुक्त किया गया। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन और श्री कृष्ण सिंह के बाद वे लगातार दो बार उपराष्ट्रपति बनने वाले तीसरे व्यक्ति बने।
इस दौरान, उन्होंने राज्यसभा के सभापति के रूप में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और संसदीय बहस को सुचारू रूप से संचालित किया।
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति
हामिद अंसारी अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के कुलपति भी रह चुके हैं। इसके अलावा, उन्होंने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया और अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रयास किए।
पद्म विभूषण ठुकराने का निर्णय
2024 में भारत सरकार ने हामिद अंसारी को पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित करने का निर्णय लिया। हालांकि, उन्होंने इसे स्वीकार करने से इनकार कर दिया। उनका कहना था कि देश की सेवा करना उनका कर्तव्य था, और वे इसे व्यक्तिगत सम्मान के रूप में नहीं लेना चाहते।
विवादास्पद बयान और राजनीतिक प्रतिक्रिया
2017 में, उपराष्ट्रपति पद से हटने से पहले, हामिद अंसारी ने एक इंटरव्यू में कहा था कि भारत में मुसलमानों में असुरक्षा की भावना बढ़ रही है। उनके इस बयान पर राजनीतिक विवाद छिड़ गया और इसे विभिन्न दृष्टिकोणों से देखा गया।
एक प्रतिष्ठित लेखक
हामिद अंसारी केवल एक राजनयिक और राजनेता ही नहीं बल्कि एक प्रतिभाशाली लेखक भी हैं। उन्होंने कई महत्वपूर्ण पुस्तकें लिखी हैं, जिनमें शामिल हैं:
उनकी पुस्तकें भारतीय समाज, राजनीति और वैश्विक संबंधों पर महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि प्रदान करती हैं।
निष्कर्ष
मोहम्मद हामिद अंसारी का जीवन और करियर उनके असाधारण नेतृत्व, राजनयिक कौशल और नीतिगत दृष्टिकोण का प्रमाण है। उन्होंने न केवल भारत के उपराष्ट्रपति के रूप में बल्कि एक राजनयिक, शिक्षाविद् और लेखक के रूप में भी अपनी पहचान बनाई। उनका योगदान भारतीय विदेश नीति, संसद संचालन और सामाजिक मुद्दों पर बहस को समृद्ध बनाने में महत्वपूर्ण रहा है। उनके जीवन से प्रेरणा लेकर, आने वाली पीढ़ियां न केवल सार्वजनिक सेवा में बल्कि सामाजिक कल्याण में भी अपना योगदान दे सकती हैं।