उत्तर प्रदेश की रायबरेली लोकसभा सीट देश की सबसे हॉट सीट है. इस बार यहां से राहुल गांधी मैदान में हैं. जिसके लिए उनकी बहन और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कमान संभाली है. राहुल गांधी और कांग्रेस की प्रियंका गांधी कल यहां चुनावी रैलियों को संबोधित करेंगे. पिछले कुछ दिनों से रायबरेली में जमीं प्रियंका गांधी हर चुनावी सभा में जमकर हंगामा करती नजर आ रही हैं. वह बीजेपी पर साफ शब्दों में हमला करने का कोई मौका नहीं छोड़ती हैं. उन्होंने रविवार को न्यूज 24 से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कई सवालों के जवाब दिये.
जनता का आक्रोश
प्रियंका गांधी ने कहा- महंगाई और बेरोजगारी हद से ज्यादा बढ़ गई है. मोदी सरकार की नीतियां गरीबों के लिए नहीं हैं. उन्होंने बेरोजगारी और महंगाई कम करने के लिए कुछ नहीं किया. लोगों में आक्रोश है. 2014 और 2019 में जनता ने उन्हें भारी बहुमत से जिताया, उम्मीदें बहुत थीं, लेकिन वादे पूरे नहीं हुए.
जनता हंस रही है
प्रियंका गांधी ने कहा- पीएम मोदी पद की गरिमा का स्तर नहीं देखते. चुनावी मंच पर कभी भैंस चोरी की बात करते हैं तो कभी आभूषण चोरी की बात करते हैं. लोग इन सब बातों पर हंस रहे हैं. इसे देखकर लोग कह रहे हैं कि ये मेरे बारे में बात क्यों नहीं कर रहे? मेरे रोज़गार और महँगाई पर चर्चा क्यों नहीं होती? आपने विकास की बात की, लेकिन वह हमारे जीवन में नजर नहीं आ रहा है.
व्यवसायियों पर मेहरबान
प्रियंका गांधी ने आगे मोदी सरकार पर उद्योगपतियों की मदद करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा- जनता बहुत परेशानी में है, लेकिन उन पर बात करने की बजाय वे बड़े उद्योगपतियों का कर्ज माफ कर रहे हैं. देश की संपत्तियां उन्हें दी जा रही हैं. देश के हवाई अड्डे और बंदरगाह सभी को उपलब्ध कराये जा रहे हैं। लोग आत्महत्या करने को मजबूर हैं. इसके बाद प्रियंका गांधी से पूछा गया- इन सबके बावजूद प्रधानमंत्री कहते हैं कि इन लोगों ने अडानी और अंबानी से सेटिंग कर ली है, तो आप इसे कैसे देखते हैं? इस सवाल के जवाब में प्रियंका ने कहा- पीएम आज अपने अरबपतियों को लेकर सफाई दे रहे हैं.
पीएम मोदी को चुनौती
प्रियंका गांधी ने आगे कहा- मैं प्रधानमंत्री को चुनौती देती हूं. बैठक में सिर्फ एक बार जनता के मुद्दों पर बोलें. एक बार हम आपको बता दें कि हमने ये कर लिया है और ये करना चाहते हैं. हिंदू-मुस्लिम, धर्म, अलगाव और भटकाव के बिना चुनाव कराने का प्रयास करें। अगर जनता के मुद्दों पर चुनाव लड़ा जाए तो वे जीत नहीं सकते।