बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की घोषणा के बाद से जारी सियासी खींचतान के बीच, भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपने 71 प्रत्याशियों की पहली सूची (BJP Candidates List) जारी कर दी है. इस सूची में पार्टी ने ज्यादातर वर्तमान विधायकों पर भरोसा जताया है, जबकि कुछ प्रमुख नेताओं को नई सीटों से मौका दिया गया है. पार्टी द्वारा जारी की गई लिस्ट के अनुसार, प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी को तारापुर विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारा गया है. वहीं, पूर्व मंत्री मंगल पांडेय को सिवान से टिकट मिला है, जबकि वरिष्ठ नेता रामकृपाल यादव को दानापुर सीट से मौका दिया गया है.
प्रमुख दिग्गजों को मिली सीटें
बीजेपी ने अपने अनुभवी नेताओं और प्रमुख चेहरों को मजबूत सीटों से मैदान में उतारा है:
	- विजय कुमार सिन्हा, जो पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं, उन्हें उनकी पारंपरिक सीट लखीसराय से टिकट दिया गया है.
 
	- पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रेणु देवी को एक बार फिर बेतिया से चुनावी मैदान में उतारा गया है.
 
	- युवा चेहरा और चर्चित एथलीट श्रेयसी सिंह को उनकी मौजूदा सीट जमुई से टिकट मिला है.
 
	- कटिहार से पार्टी ने एक बार फिर तार किशोर प्रसाद पर भरोसा जताया है, जबकि झंझारपुर से नीतीश मिश्रा को टिकट दिया गया है.
 
	- दरभंगा से मौजूदा विधायक संजय सरावगी को भी दोबारा मौका दिया गया है.
 
अन्य महत्वपूर्ण सीटों पर उम्मीदवार
पार्टी ने अपनी पहली सूची में कई अन्य महत्वपूर्ण सीटों पर भी उम्मीदवार घोषित किए हैं:
सीट का नाम    उम्मीदवार का नाम
	- आरा    संजय सिंह
 
	- परिहार    गायत्री देवी
 
	- रक्सौल    प्रमोद कुमार
 
	- सीतामढ़ी    सुनील कुमार पिंटू
 
	- रीगा    बैद्यनाथ
 
	- मधुबन    राणा रंधीर
 
	- बथनाह    अनिल कुमार
 
	- बेनीपट्टी    विनोद नारायण झा
 
	- अरवल    मनोज शर्मा
 
	- राजनगर    सुजीत पासवान
 
	- ढाका    पवन जायसवाल
 
	- नरपतगंज    देवंती यादव
 
	- प्राणपुर    निशा सिंह
 
	- पिपरा    श्याम बाबू
 
	- सिकटी    विजय कुमार शंकर
 
बीजेपी द्वारा यह सूची जारी किए जाने के साथ ही अब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में सीटों को लेकर चल रही खींचतान के जल्द ही समाप्त होने की उम्मीद है. अब सभी की निगाहें गठबंधन के अन्य सहयोगी दलों और विपक्षी महागठबंधन (INDIA ब्लॉक) द्वारा जारी की जाने वाली उम्मीदवारों की सूची पर टिकी हैं. पार्टी ने स्पष्ट किया है कि ज्यादातर सीटों पर वर्तमान विधायकों को बरकरार रखने का फैसला उनके प्रदर्शन और स्थानीय जनाधार को देखते हुए लिया गया है. इस सूची के जारी होने के बाद चुनावी मुकाबला अब और भी दिलचस्प हो गया है.